Sunday, February 15, 2009

Confessions of A Mellow Mind

Days have been hectic and nights chaotic. Room is getting smaller day by day and cycle tyres depreciating hour by hour. Mind has been swarmed with myriad thoughts and body with layers of fat. (Dude!!! I’m working on it). But, it ain’t a place to lament. I have been out of blogosphere for quite a long time. साला टाइम नही मिलता ना...
Dude has been thinking a lot these days. ये करना है, वो करना है, ज़िन्दगी मिलेगी ना दोबारा, दिल की आवाज़ सुनो, दुनिया तो कहती रहेगी, कब तक दिमाग के बंधन में बंध कर रहोगे, दिल - करता है नादानियाँ, Frick, Frick, Frick. तो जनाब ऐसा है दिमाग का हाल. साली ट्रेन शुरू होती है तो लगता है पूरे ब्रह्माण्ड का सैर कराएगी. I start a random thread in my brain and it turns out into a huge monstrous chain. My brain will burst out into pieces.
मुझे देश की सेवा करनी है. देश NIRMAAN में लगे रहो. पर स्वामीजी ने कहा था पहले “आत्मभक्ति”, फिर “सर्वभक्ति”. स्वामीजी की सुनू या Robin Keshaw की. ये भी अलग ही टेंशन है. मुझे Guitar भी सीखना है. संगीत की दुनिया का उभरता हुआ सितारा (टंग-टन-टनंग). और Economics n Finance का GOD कौन बनेगा?? Number लाने से क्या होता है, Knowledge होनी चाहिए. पूरी eco-fin के फंडे syrup बना कर घोट लो. APOGEE में project तो करना ही है, paper भी present कर दो. पर जनाब उसके लिए पढ़ना पड़ता है. Google पर search करने का टाइम है?? नही तो फिर झाल बजाओ. और सेहत के लिए खेलना कूदना भी जरुरी है. TT racket हाथ लगाये तो जमाना बीत गया है. Badminton को छोड़ नही सकते. और stamina इतनी ज्यादा weak हो गई है की दौड़ना भी बहुत जरुरी है. हफ्ते में 4 चक्कर लगाने से कुछ नही होगा . Be regular, Be sincere. और GG, Arrested Development, Heroes, Seinfeld?? कैसे ख़त्म करोगे इतने सारे seasons?? TV series को lite भी ले लो, पर movies से मन नही भरता यार. BITS छोड़ने से पहले IMDB top 250 तो देख कर ही जाना है. तो laptop में घुसे रहो. Ultimate timepass. और तुम्हे तो fotoo निकालने का भी शौक है. वो कैसे करोगे बबुआ?? Camera निकालो और निकल पडो. और ये बताइए महाराज, इन सबके बीच पढ़ाई-लिखाई तुम्हारे ससुर जी आ कर करेंगे ?? CG गिरी तो तुमको साथ लेकर गिरेगी, वो भी अंधे कुए में. सवाल अनेक पर जवाब के नाम पर ठेंगा. हो गया मन ठंडा . कोई superman तो हो नही!!! कैसे करोगे इतना सब कुछ?
डर लगता है, घबराहट भी होती है. पर ये तो सबके साथ होता है. Sunil Handa sir ने कहा था- “फट्टू सब होते है. अगर मैं हल्दी घाटी की लडाई के पहले महाराणा प्रताप के सामने Mic ले जाकर पूछता, कैसा लग रहा है? जवाब आता- यार फट तो रही है, पर मैं संभाल लूँगा.” अब मुझे भी लगता है, डर तो सबको लगता है. पर इंसान वही जो डर के आगे देखे. ज़िन्दगी यही तो है. Accept it at its face value. खुश रहो, खुश रखो. तुम्हारे कर्म ही तुम्हारे ज़िन्दगी के प्रतिबिम्ब है. कर्म शुद्ध है तो असर ज़िन्दगी पर भी पड़ेगा. जो मन में आता है वो करो, पर पूरी जान लगा कर. अपना तन, मन, धन सब लगा दो और उसे achieve कर के दिखाओ. और फल की भी चिंता करो. उसके बिना सब अधूरा है. आज दुनिया तुम्हारे market price को value देती है. तुम्हारी intrinsic value तो कही भीड़ में दब जायेगी. जितना मेहनत ख़ुद पर करो, उतना ही उसे sell करने में भी . वरना race में पीछे रह जाओगे. जवानी का मतलब carelessness नही होता है. Don’t try to fool yourself by showing that “Slapdash is my attitude, carelessness is my asset”. सबके ज़िन्दगी में ठहराव आना चाहिए. अब नही तो कब.
तो जनाब अब समझ में आया की मेरे दिमाग में क्या क्या चलता रहता है? बेहतर है की यहाँ पूर्ण विराम लगा दिया जाए, वरना Robin बाबा के पोटली में से रत्न निकलते रहेंगे. टाटा बाय बाय सायोनारा!!!