BLABLOG
I love to blab, I love to blog, I love to BLABLOG!
Saturday, September 8, 2012
पिलानी के पत्ते कुछ
शाख पिलानी के एक पेड़ की,
पत्ते थे कुछ रंग बिरंग
अनोखे, मदमस्त, छबीले
हँसते गाते थे संग संग
फिर कुछ यूँ एक हवा चली
पत्तों ने कहा अलविदा
उड़ चले वो इक नयी दाल पर
राहें उनकी जुदा जुदा
पर आज भी...
यादें मयस्सर है उस फिजां में
ज़ज्बात है जिंदा इस ज़हान में
नूर-ए-दोस्ती उन पत्तों की
दमक रही है आसमान में ....
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment